नेपाल में राजनीतिक संक्रमण: सुशीला कार्की की अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्ति और आगे की चुनौतियाँ
1. हालिया घटनाओं का संक्षिप्त परिदृश्य
पिछले कुछ हफ्तों में नेपाल में अभूतपूर्व राजनीतिक उथल-पुथल देखने को मिली। सोशल मीडिया बैन, भ्रष्टाचार और प्रशासनिक असंतोष के खिलाफ “Gen-Z” नामक आंदोलन ने पूरे देश में जोर पकड़ लिया। प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया—51 से अधिक मौतें, हजारों घायल और 12,500 कैदियों का जेल से भागना—इन सबने शासन व्यवस्था को हिला दिया। इस हालात ने प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली को इस्तीफा देने पर मजबूर किया और संसद भी भंग कर दी गई।
2. सुशीला कार्की: एक निष्पक्ष और सख़्त चेहरा
सुशीला कार्की, जो नेपाल की पहली महिला चीफ़ जस्टिस रह चुकी हैं, अपने कार्यकाल में कई ऐतिहासिक फैसलों के लिए जानी जाती हैं। वे भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग के खिलाफ कठोर रुख अपनाने वाली न्यायविद के रूप में लोकप्रिय हुईं। यही वजह है कि अंतरिम सरकार के लिए उनका नाम एक सर्वसम्मत विकल्प बना।
3. राष्ट्रपति का फैसला और शपथ ग्रहण
राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने 12 सितंबर 2025 को सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया। आज (शाम 8:45 बजे) वे शीतल निवास (राष्ट्रपति भवन) में शपथ लेंगी। इस मौके पर देश-विदेश के राजनयिक, पूर्व प्रधानमंत्री और प्रमुख राजनीतिक दलों के नेता मौजूद रहेंगे।
4. अंतरिम सरकार के प्राथमिक लक्ष्य
अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में सुशीला कार्की का मुख्य एजेंडा होगा:
- आगामी चुनावों की निष्पक्ष तैयारी
- भ्रष्टाचार पर अंकुश
- सुरक्षा व्यवस्था की बहाली
- जनता और राजनीतिक दलों के बीच विश्वास पैदा करना
5. “Gen-Z” आंदोलन: बदलाव की आवाज़
इस आंदोलन का नेतृत्व मुख्यतः युवाओं ने किया, जिन्होंने सोशल मीडिया पर पाबंदी और भ्रष्टाचार को लेकर सरकार को घेरा। यह पहली बार था जब नेपाल के नए मतदाता वर्ग ने इतने संगठित और आक्रामक तरीके से बदलाव की मांग उठाई।
6. सुरक्षा व प्रशासनिक संकट
विरोधों के दौरान हुई हिंसा और कैदियों के फरार होने ने कानून-व्यवस्था की स्थिति को कमजोर कर दिया है। सेना और पुलिस की तैनाती बढ़ाई गई है, लेकिन प्रशासन को अब भी भरोसा बहाल करने में समय लगेगा।
7. राजनीतिक दलों की भूमिका
सभी प्रमुख दलों ने फिलहाल सुशीला कार्की को समर्थन देने का ऐलान किया है, लेकिन अंतरिम सरकार की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि राजनीतिक दल अपने स्वार्थों को कितना पीछे रखते हैं और सुधारों में सहयोग करते हैं।
8. जनता की अपेक्षाएँ
जनता चाहती है कि अंतरिम सरकार पारदर्शिता, जवाबदेही और न्याय की मिसाल पेश करे। सुशीला कार्की की छवि ईमानदारी और निष्पक्षता की है, इसलिए उम्मीदें ऊँची हैं।
9. अंतरराष्ट्रीय नज़र
भारत, चीन और अन्य पड़ोसी देश नेपाल की राजनीतिक स्थिरता को लेकर गंभीर हैं। विदेशी राजनयिक भी शपथ समारोह में मौजूद रहेंगे, ताकि नई सरकार के साथ समन्वय और सहयोग स्थापित किया जा सके।
10. आगे की राह
सुशीला कार्की के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी—अस्थिर माहौल में स्थिरता लाना, निष्पक्ष चुनाव कराना और जनता का विश्वास जीतना। अगर उनकी अंतरिम सरकार इन लक्ष्यों को पूरा कर पाती है, तो यह नेपाल के लोकतंत्र के लिए एक ऐतिहासिक मोड़ साबित हो सकता है।
