बिहार चुनाव 2025: सीट शेयरिंग से नाराज़ चिराग पासवान, बहनोई की एंट्री से NDA में हलचल

Sanskriti Vani
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📰 सारांश

  • बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले NDA में सीट शेयरिंग की खींचतान

  • चिराग पासवान नाराज़, चाहते हैं 20–25 सीटें

  • भाजपा-जदयू तैयार केवल 10–12 सीटों पर

  • बहनोई आशीष सिंह की सक्रियता बनी दबाव की राजनीति का हिस्सा

  • विपक्ष (राजद, कांग्रेस, वामदल) की नज़र मौके पर


बिहार चुनाव और सीट बंटवारे की पृष्ठभूमि

बिहार विधानसभा की 243 सीटों पर होने वाला चुनाव इस बार बेहद रोचक होगा।
2020 में एनडीए ने बहुमत तो पाया, लेकिन चिराग पासवान की LJP (रामविलास) ने अकेले चुनाव लड़कर जदयू को भारी नुकसान पहुँचाया था।
👉 इस बार भाजपा और जदयू चाहते हैं कि चिराग पूरी तरह एनडीए के साथ रहें, लेकिन सीट शेयरिंग पर सहमति नहीं बन पा रही।




चिराग पासवान का बढ़ता दबदबा

  • रामविलास पासवान की विरासत का वारिस

  • दलित वोट बैंक पर गहरी पकड़

  • भाजपा से नज़दीकी और मोदी के “हनुमान” की छवि

चिराग पासवान: “एनडीए में हमारी ताकत को नजरअंदाज करना किसी के लिए आसान नहीं होगा।”


NDA में खींचतान

  • चिराग की मांग: 20–25 सीटें

  • भाजपा-जदयू का ऑफर: 10–12 सीटें

  • जदयू को डर: “चिराग को ज्यादा सीटें मिलीं तो नीतीश कुमार कमजोर होंगे”
    👉 यही कारण है कि एनडीए की अंदरूनी राजनीति गरमाई हुई है।




बहनोई आशीष सिंह की एंट्री

चिराग ने अपने बहनोई आशीष सिंह को राजनीति में सक्रिय किया है।

  • कुछ सीटों पर स्वतंत्र सक्रियता

  • स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें

  • एनडीए को संदेश: “हमारे पास विकल्प खुले हैं”


भाजपा और जदयू की दुविधा

  • भाजपा के लिए ज़रूरी: दलित वोट बैंक बचाए रखना

  • जदयू के लिए चुनौती: नीतीश की पकड़ कमज़ोर न हो
    👉 भाजपा को दोनों को साधना है, वरना समीकरण बिगड़ सकते हैं।


विपक्ष की रणनीति

राजद, कांग्रेस और वामदल मिलकर महागठबंधन को मजबूत कर रहे हैं।
यदि चिराग पासवान एनडीए से अलग हुए, तो विपक्ष को बड़ा फायदा मिलेगा।

राजनीतिक विश्लेषक: “यादव-दलित समीकरण अगर महागठबंधन में जुड़ गया तो खेल बदल सकता है।”


बिहार के मतदाताओं पर असर

  • दलित मतदाता चिराग की नाराज़गी से प्रभावित

  • युवा और नए वोटर चिराग की छवि की ओर आकर्षित

  • ग्रामीण इलाकों में जदयू का प्रभाव, शहरी क्षेत्रों में भाजपा का वोट बैंक
    👉 चिराग का फैसला दोनों ही वोटबैंक को प्रभावित कर सकता है।


भविष्य का समीकरण

अभी सबकी निगाहें भाजपा पर हैं कि वह चिराग और नीतीश दोनों को कैसे साधेगी।
अगर समझौता हुआ तो एनडीए मजबूत होकर उतरेगा, वरना अंदरूनी टूट का फायदा विपक्ष उठाएगा।


Bihar Election 2025 – Key Stats 📊

  • बिहार विधानसभा सीटें: 243

  • NDA (2020): 125 सीटें

  • महागठबंधन (2020): 110 सीटें

  • दलित वोट: 16%

  • यादव वोट: 14%

  • LJP (रामविलास) का प्रभाव: 30+ सीटों पर निर्णायक

  • चिराग की मांग: 20–25 सीटें

  • NDA ऑफर: 10–12 सीटें





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