बिहार का नया औद्योगिक पैकेज "BIPPP-2025": बड़े निवेशकों को मुफ्त जमीन, 300% SGST प्रतिपूर्ति और 1 करोड़ रोजगार

Sanskriti Vani
By -
0

बिहार सरकार ने हाल ही में "बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज 2025 (BIPPP-2025)" का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे राज्य की अर्थव्यवस्था और रोजगार सृजन के लिए ऐतिहासिक कदम बताया है। इस नीति के तहत बड़े निवेशकों को मुफ्त जमीन, 300% तक SGST प्रतिपूर्ति, ₹40 करोड़ तक ब्याज सब्सिडी और 30% पूंजीगत सब्सिडी दी जाएगी। सरकार का लक्ष्य है कि अगले पाँच वर्षों में कम से कम 1 करोड़ युवाओं को रोजगार मिले। आवेदन की अंतिम तिथि 31 मार्च 2026 तय की गई है।


1. बिहार में औद्योगिक विकास की नई शुरुआत

बिहार लंबे समय से औद्योगिक पिछड़ेपन का शिकार रहा है। राज्य में प्राकृतिक संसाधनों की कमी और बेहतर औद्योगिक ढांचा न होने के कारण निवेशक अक्सर झारखंड, उत्तर प्रदेश या अन्य राज्यों की ओर रुख करते रहे। ऐसे में नीतीश सरकार ने "BIPPP-2025" की घोषणा कर एक नई औद्योगिक क्रांति का बिगुल बजाया है। इस नीति का उद्देश्य केवल निवेश आकर्षित करना ही नहीं बल्कि युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा करना भी है। सरकार का मानना है कि जब राज्य में उद्योग स्थापित होंगे तो पलायन रुकेगा और बिहार आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ेगा। यह पहल बिहार की आर्थिक तस्वीर को बदलने का बड़ा कदम मानी जा रही है।

———

2. मुफ्त भूमि का प्रावधान और उसके लाभ

इस पैकेज की सबसे बड़ी घोषणा निवेशकों को मुफ्त जमीन देने की है। यदि कोई उद्योगपति ₹100 करोड़ से अधिक का निवेश करता है और 1,000 से ज्यादा प्रत्यक्ष रोजगार पैदा करता है तो उसे 10 एकड़ तक भूमि मुफ्त दी जाएगी। वहीं, ₹1,000 करोड़ से अधिक निवेश करने वाले उद्योगपतियों को 25 एकड़ तक जमीन मुफ्त मिलेगी। Fortune 500 कंपनियों को भी 10 एकड़ तक भूमि दी जाएगी। इस प्रावधान से निवेशकों की सबसे बड़ी बाधा यानी जमीन अधिग्रहण की समस्या हल होगी। मुफ्त जमीन मिलने से उद्योगों की लागत कम होगी और उन्हें राज्य में व्यवसाय शुरू करने के लिए आकर्षित किया जा सकेगा।

———

3. ब्याज सब्सिडी और वित्तीय प्रोत्साहन

सरकार ने बड़े निवेशकों के लिए वित्तीय सहायता के तौर पर ₹40 करोड़ तक ब्याज सब्सिडी देने की घोषणा की है। इसका मतलब है कि यदि कोई उद्योगपति बैंक से कर्ज लेकर परियोजना शुरू करता है, तो उस पर लगने वाला ब्याज आंशिक या पूर्ण रूप से सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। यह प्रावधान छोटे और मध्यम उद्योगों को भी वित्तीय मजबूती देगा। इसके अलावा सरकार ने 30% तक पूंजीगत सब्सिडी देने का निर्णय लिया है। इससे उद्योगपति नए प्रोजेक्ट्स में मशीनरी, तकनीक और उत्पादन से जुड़ी लागत को आसानी से वहन कर पाएंगे। इस तरह यह योजना निवेशकों के लिए जोखिम को कम करेगी।

———

4. SGST की प्रतिपूर्ति: उद्योगों को दीर्घकालिक राहत

"BIPPP-2025" के तहत राज्य सरकार ने यह घोषणा की है कि नई औद्योगिक इकाइयों को उनकी स्वीकृत परियोजना लागत का 300% तक SGST (स्टेट गुड्स एंड सर्विस टैक्स) की प्रतिपूर्ति 14 वर्षों तक दी जाएगी। यह कदम उद्योगों को दीर्घकालिक राहत देगा। SGST की इतनी बड़ी छूट बिहार को निवेश के लिहाज से अत्यंत आकर्षक बनाएगी। इससे उद्योगों की उत्पादन लागत घटेगी और उन्हें बाजार में प्रतिस्पर्धा करने में आसानी होगी। विशेष रूप से, विनिर्माण और निर्यात आधारित इकाइयों को इसका बड़ा लाभ मिलेगा। SGST प्रतिपूर्ति राज्य को "उद्योग मित्र" साबित करने वाली सबसे महत्वपूर्ण नीति है।

———

5. निर्यात प्रोत्साहन और गुणवत्ता सुधार

बिहार सरकार ने इस पैकेज में निर्यात आधारित इकाइयों के लिए भी खास प्रावधान किए हैं। निर्यातकों को सालाना ₹40 लाख तक की सहायता दी जाएगी, जो 14 वर्षों तक मिलेगी। इसका उद्देश्य बिहार के उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाना है। साथ ही, सरकार ने पेटेंट पंजीकरण और गुणवत्ता प्रमाणन के लिए भी वित्तीय सहयोग देने का वादा किया है। इससे राज्य के उद्योग अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरे उतरेंगे। यदि यह पहल सही ढंग से लागू हुई तो बिहार के कृषि उत्पाद, वस्त्र उद्योग और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग वैश्विक बाजार में मजबूत स्थिति बना पाएंगे।

———

6. निजी औद्योगिक पार्कों और बुनियादी ढाँचे का विकास

निवेशकों को आकर्षित करने के लिए बिहार सरकार ने निजी औद्योगिक पार्कों को भी समर्थन देने की घोषणा की है। इसके तहत निवेशक यदि निजी औद्योगिक पार्क स्थापित करते हैं तो उन्हें भूमि रूपांतरण शुल्क और स्टाम्प ड्यूटी में छूट मिलेगी। साथ ही, सड़क, बिजली, पानी और लॉजिस्टिक्स जैसे बुनियादी ढांचे को मजबूत करने का वादा किया गया है। सरकार का मानना है कि जब उद्योगों के लिए आधारभूत ढांचा बेहतर होगा तो निवेशक बिना हिचकिचाहट बिहार में व्यवसाय स्थापित करेंगे। यह पहल बिहार को औद्योगिक मानचित्र पर नई पहचान दिला सकती है।

———

7. कौशल विकास और रोजगार सृजन का लक्ष्य

"BIPPP-2025" का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है रोजगार। सरकार का दावा है कि अगले पाँच वर्षों में इस पैकेज के जरिए 1 करोड़ युवाओं को रोजगार मिलेगा। इसके लिए विशेष कौशल विकास कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे। उद्योगों में प्रशिक्षित युवाओं की मांग अधिक होती है, इसलिए सरकार ने रोजगार प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना का निर्णय लिया है। इससे बिहार के युवाओं को राज्य में ही रोजगार मिलेगा और उन्हें बाहर पलायन नहीं करना पड़ेगा। रोजगार सृजन के साथ-साथ यह योजना सामाजिक स्थिरता भी लाएगी।

———

8. पर्यावरण संरक्षण और नवीकरणीय ऊर्जा पर जोर

बिहार सरकार ने इस नीति में पर्यावरण संरक्षण और नवीकरणीय ऊर्जा को भी महत्व दिया है। नई औद्योगिक इकाइयों को यदि वे सौर ऊर्जा, बायोगैस या अन्य नवीकरणीय ऊर्जा का प्रयोग करती हैं तो विशेष प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही, प्रदूषण नियंत्रण उपकरण लगाने और ग्रीन इंडस्ट्रीज को बढ़ावा देने पर भी ध्यान दिया गया है। सरकार चाहती है कि औद्योगिक विकास के साथ-साथ पर्यावरण का संतुलन भी बना रहे। इस नीति से "ग्रीन बिहार" का सपना साकार हो सकता है।

———

9. आवेदन की प्रक्रिया और अंतिम तिथि

निवेशकों को इस योजना का लाभ पाने के लिए निर्धारित प्रक्रिया के तहत आवेदन करना होगा। बिहार सरकार ने स्पष्ट किया है कि आवेदन की अंतिम तिथि 31 मार्च 2026 है। निवेशक ऑनलाइन पोर्टल और उद्योग विभाग के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करते समय निवेश की राशि, परियोजना का विवरण और रोजगार के आंकड़े प्रस्तुत करने होंगे। सरकार ने यह भी कहा है कि आवेदनों की पारदर्शी समीक्षा होगी और केवल योग्य परियोजनाओं को लाभ मिलेगा।

———

10. बिहार की अर्थव्यवस्था पर संभावित असर

"BIPPP-2025" यदि सफलतापूर्वक लागू हुआ तो बिहार की अर्थव्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव आ सकता है। राज्य में निवेश बढ़ने से औद्योगिक उत्पादन, निर्यात और रोजगार के अवसरों में गुणात्मक वृद्धि होगी। पलायन की समस्या पर नियंत्रण लगेगा और बिहार देश की औद्योगिक मानचित्र पर नई पहचान बना पाएगा। यह योजना बिहार को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है। हालांकि, इसकी सफलता सही क्रियान्वयन, पारदर्शिता और निवेशकों के विश्वास पर निर्भर करेगी।

———

महत्वपूर्ण आँकड़े (Stats)

प्रावधान/लाभ विवरण
मुफ्त भूमि ₹100 करोड़ निवेश → 10 एकड़, ₹1,000 करोड़ निवेश → 25 एकड़, Fortune 500 → 10 एकड़
ब्याज सब्सिडी अधिकतम ₹40 करोड़ तक
SGST प्रतिपूर्ति 300% तक, 14 वर्षों तक
पूंजीगत सब्सिडी 30% तक
निर्यात प्रोत्साहन ₹40 लाख/वर्ष, 14 वर्षों तक
कौशल विकास और प्रशिक्षण राज्य में नए प्रशिक्षण केंद्र स्थापित
रोजगार लक्ष्य 5 वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को रोजगार
आवेदन की अंतिम तिथि 31 मार्च 2026
नवीकरणीय ऊर्जा प्रोत्साहन सौर ऊर्जा/ग्रीन इंडस्ट्रीज को अतिरिक्त सहायता
औद्योगिक पार्क निजी निवेशकों को भूमि और शुल्क में छूट


Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn more
Ok, Go it!