“Bihar Elections 2025: अब 90 हजार बूथों पर आंगनबाड़ी सेविकाएं करेंगी घूंघटवाली और बुर्केवाली महिलाओं की पहचान”

Sanskriti Vani
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🗳️ Bihar Elections 2025: बिहार चुनाव में 90 हजार बूथों पर आंगनबाड़ी सेविकाएं करेंगी घूंघटवाली और बुर्केवाली महिला वोटरों की पहचान

🔹 चुनाव आयोग की नई रणनीति

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर चुनाव आयोग ने इस बार एक विशेष पहल की है। राज्य के लगभग 90,000 मतदान केंद्रों (बूथों) पर महिला वोटरों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए आंगनबाड़ी सेविकाओं को विशेष जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इन सेविकाओं की मदद से घूंघटवाली और बुर्केवाली महिला मतदाताओं की सही पहचान की जाएगी ताकि मतदान प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष बनी रहे।




🔹 पहचान में आ रही थी दिक्कत

पिछले चुनावों में कई बार ऐसी शिकायतें सामने आई थीं कि घूंघट या बुर्का पहनने वाली महिलाएं की पहचान करने में मतदान कर्मियों को दिक्कतें होती थीं। इससे फर्जी वोटिंग की संभावना बढ़ जाती थी।
इस बार आयोग ने स्थानीय स्तर पर भरोसेमंद महिला कर्मियों — यानी आंगनबाड़ी सेविकाओं को शामिल करने का फैसला किया है, जो अपने इलाके की महिलाओं को व्यक्तिगत रूप से पहचानती हैं।


🔹 कैसे होगा यह काम

  • हर बूथ पर एक महिला आंगनबाड़ी सेविका की ड्यूटी लगेगी।
  • वह मतदान केंद्र पर मौजूद रहेगी और जरूरत पड़ने पर घूंघट या बुर्का वाली महिलाओं की पहचान में सहयोग देगी।
  • सेविकाओं को पहले से विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए पहचान प्रक्रिया में मदद कर सकें।
  • इस दौरान महिला की गोपनीयता और सम्मान बनाए रखने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

🔹 महिलाओं की बढ़ती भागीदारी

बिहार में महिला वोटरों की संख्या लगातार बढ़ रही है। 2020 के चुनाव में महिलाओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों से अधिक था।
आयोग का कहना है कि यह पहल महिलाओं की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखकर की जा रही है, ताकि किसी महिला को अपनी पहचान उजागर करने में असहजता महसूस न हो।


🔹 सुरक्षा और पारदर्शिता पर फोकस

इस बार चुनाव आयोग ने टेक्नोलॉजी और मानव संसाधन दोनों का संतुलित उपयोग करने का निर्णय लिया है।
जहाँ एक ओर CCTV और वेबकास्टिंग से हर बूथ पर नजर रखी जाएगी, वहीं दूसरी ओर स्थानीय स्तर पर आंगनबाड़ी सेविकाओं जैसी जमीनी कर्मियों की सहायता ली जाएगी।
यह कदम फर्जी मतदान और किसी भी तरह की गड़बड़ी पर लगाम लगाने में मददगार साबित होगा।


🔹 राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ

विभिन्न राजनीतिक दलों ने इस कदम का स्वागत किया है।
जेडीयू और बीजेपी नेताओं ने कहा कि “आंगनबाड़ी सेविकाओं की भूमिका लोकतंत्र को मजबूत करेगी।”
वहीं विपक्षी दलों ने कहा कि इस प्रक्रिया में प्रशिक्षण और पारदर्शिता पर ध्यान देना बेहद जरूरी है ताकि किसी तरह का दुरुपयोग न हो।


🔹 सेविकाओं की भूमिका को मान्यता

आंगनबाड़ी सेविकाएं वर्षों से ग्रामीण बिहार की समाज व्यवस्था की रीढ़ रही हैं।
वे न सिर्फ बच्चों और गर्भवती महिलाओं की देखभाल करती हैं, बल्कि अब लोकतंत्र की मजबूती में भी अपनी भूमिका निभाने जा रही हैं।
यह उनके सामाजिक योगदान को नई पहचान देगा।


🔹 निष्कर्ष

बिहार चुनाव 2025 में यह पहल महिला सशक्तिकरण और पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
जहाँ एक ओर यह कदम सुरक्षित मतदान सुनिश्चित करेगा, वहीं दूसरी ओर महिला मतदाताओं का सम्मान और सुविधा भी कायम रखेगा।



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