दही या छाछ: बेहतर डाइजेशन के लिए कौन-सा ऑप्शन है ज्यादा बेस्ट?
नई दिल्ली। रोजमर्रा की डाइट में दही और छाछ दोनों ही अहम जगह रखते हैं। खासकर गर्मियों में लोग इन्हें पाचन सुधारने और शरीर को ठंडक पहुंचाने के लिए खाते-पीते हैं। लेकिन अक्सर यह सवाल उठता है कि बेहतर डाइजेशन के लिए कौन-सा विकल्प ज्यादा कारगर है—दही या छाछ?
दही के फायदे
दही दूध से बनने वाला एक हेल्दी प्रोडक्ट है, जिसमें प्रोटीन, कैल्शियम और अच्छे बैक्टीरिया (प्रोबायोटिक्स) भरपूर पाए जाते हैं। यह न सिर्फ हड्डियों को मजबूत बनाता है, बल्कि पाचन तंत्र को भी बेहतर करता है। हालांकि दही अपेक्षाकृत भारी होता है, इसलिए जिन लोगों का मेटाबॉलिज्म धीमा है, उनके लिए यह कभी-कभी भारीपन या गैस की समस्या पैदा कर सकता है।
छाछ क्यों है खास
छाछ दही से ही तैयार की जाती है, लेकिन इसमें कैलोरी और फैट की मात्रा कम होती है। हल्की और ठंडी तासीर वाली छाछ को जीरा, काला नमक या अदरक के साथ पिया जाए तो यह एसिडिटी, गैस और ब्लोटिंग जैसी समस्याओं से राहत दिलाती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, छाछ गर्मियों में शरीर को हाइड्रेट रखने और पाचन सुधारने के लिए दही से ज्यादा बेहतर विकल्प है।
कौन-सा चुनें?
*अगर आप एनर्जी, प्रोटीन और न्यूट्रिशन चाहते हैं, तो दही को प्राथमिकता दें।
*अगर आपका मकसद पाचन सुधारना, एसिडिटी या गैस से राहत पाना और शरीर को ठंडक देना है, तो छाछ का सेवन ज्यादा लाभकारी है।
📊 दही बनाम छाछ: कौन है ज्यादा बेस्ट?
तुलना का पहलू। दही 🥣 छाछ 🥛
प्रोटीन और कैल्शियम ज्यादा कम
फैट और कैलोरी। अधिक बहुत। कम
डाइजेशन पर असर थोड़ा भारी, हल्की, आसानी धीरे डाइजेस्ट से डाइजेस्ट
एसिडिटी/गैस कुछ मामलों में कम करने में बढ़ा सकता है मददगार
हाइड्रेशन कम प्रभावी ज्यादा प्रभावी
(पानी की कमी)
गर्मी में फायदा। ठंडक देता है ठंडक + पाचन दोनों में बेस्ट
कब चुनें? न्यूट्रिशन और एनर्जी के लिए बेहतर डाइजेशन और पेट की हल्कापन के लिए
✅ निष्कर्ष:
*डाइजेशन और पेट की समस्याओं के लिए → छाछ
*एनर्जी और न्यूट्रिशन के लिए → दही
